बच्चों का वक्सीनेशन यानी टीकाकरण जन्म से लेकर 16 साल तक होता है। जिसमे सभी वैक्सीन लगनी जरुरी भी होती है।
तो चलिए इस article के माध्यम से हम जानते है की बच्चों को टीकाकरण (वैक्सीन) कब कब और कोनसे कोनसे लगवाने चाहिए और ये सारे वैक्सीन क्यों जरुरी है ?
वैक्सीन (टीकाकरण) क्या होती है?
जब भी किसी को वैक्सीन लगता है तो वह वैक्सीन इंसान के शरीर में एंटीबॉडीज़ बना देता है क्यकि वैक्सीन में एक तरह का एंटीजन होता है जो हमारे शरीर में जाकर जानलेवा बिमारी फैलाने वाले वायरस और बैक्टीरिया से लड़ सके। बच्चो के लिए वैक्सीन बेहद जरुरी है क्योकि वैक्सीन मे जो एंटीजन होता है वो इम्यून सिस्टम को भी एक्टिवटे करंट है जिससे कई सारी बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। ये आपका इम्यून सिस्टम को भी सक्रिय करता है ताकि विशेष एंटीबॉडीज बन सके, जो हमें वायरस से लड़ने के लिए मदद करती हैं। किसी भी बीमारी से बचने के लिए हमारे शरीर में बनी हुई एंटीबॉडीज़ ही काम आती है। वैक्सीन नवजात शिशु को लगवाना बेहद जरुरी होता है क्याकि यह वैक्सीन बच्चो को बहुत सी जानलेवा बीमारियों से बचाती है।
बच्चों को कब और कोनसी वैक्सीन लगवाए ?
बच्चों का टीकाकरण करवाना बहुत जरुरी होता है इससे बच्चे कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रहते है। चलिए जानते है कब और कोनसी वैक्सीन बच्चों को लगवानी चाहिए ?
- 11/2 माह की आयु पर – बी.सी.जी., हेपेटाईटिस B का पहला टीका, डी.पी.टी.का पहला टीका और पोलियो की पहली खुराक
- 21/2 माह की आयु पर – डी.पी.टी. का दूसरा टीका, हेपेटाईटिस B का दूसरा टीका और पोलियो की दूसरी खुराक
- 31/2 माह की आयु पर – डी.पी.टी. का तीसरा टीका, हेपेटाईटिस B का तीसरा टीकाऔर पोलियो की तीसरी खुराक
- 9-12 माह की आयु पर – खसरा का टीका
- 16-24 माह की आयु पर – डी.पी.टी.का बूस्टर टीका, जिला अजमेर, नागौर, भीलवाडा, राजसंमद, टोंक में खसरे की दूसरी खुराक शुरू कर दी गई है और पोलियो की बूस्टर टीका
- 5-6 वर्ष की आयु पर – डी. पी. टी. का टीका
- 10-16 वर्ष की आयु पर – टी.टी. का टीका
Disclaimer – ऊपर दी गई जानकारी केवल जागरूकता उद्देश्यों के लिए है, कृपया कोई भी टीकाकरण लेने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
वैक्सीन की जानकारी https://rajswasthya.nic.in/tika_calendar.htm से ली गयी है।